Electricity Rate: यहां के 14 लाख किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट के रेट पर मिल रही बिजली

राजस्थान में किसानों को मिल रही काफी सस्ती बिजली. (प्रतीकात्मक फोटो)

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री ने बिजली के कृषि कनेक्शनों, उनके दाम और इसकी महंगाई को लेकर पूरी जानकारी दी है. कहा-दाम में वृद्धि का भार सरकार वहन कर रही है.

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने विधानसभा में बताया कि उनकी सरकार 90 पैसे प्रति यूनिट की दर पर किसानों को बिजली (Electricity) मुहैया करवा रही है. सस्ती बिजली के 14 लाख किसान (Farmer) उपभोक्ता हैं. उन्होंने कहा कि जब पहली बार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने घोषणा की थी कि खेती की बिजली के दाम नहीं बढ़ेगें. हम तबसे 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली किसानों को दे रहे हैं. सरकार ने यह घोषणा की थी कि 5 वर्ष तक किसानों की विद्युत दरों (Electricity rate) में वृद्धि का भार सरकार स्वयं वहन करेगी.

विद्युत विनियामक आयोग द्वारा 6 फरवरी 2020 के आदेश से किसानों के लिए बढ़ाई गई विद्युत दरों का भार राज्य सरकार वहन कर रही है. साथ ही बीपीएल उपभोक्ताओं व छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में अनुदान दिया जा रहा है. छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के स्थाई शुल्क में की गई वृद्धि का भार भी राज्य सरकार वहन कर रही है. इस प्रकार विद्युत दरों में वृद्धि से 20 लाख बीपीएल, 42 लाख छोटे घरेलू उपभोक्ताओं व 14 लाख किसानों सहित 76 लाख उपभोक्ताओं पर वृद्धि का कोई असर नहीं है.

कितने कृषि कनेक्शन दिए

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार के समय 5 साल में 2 लाख 68 हजार 522 कृषि कनेक्शन दिए गए थे. जबकि हमने ढाई साल में 2 लाख 19 हजार 779 कृषि कनेक्शन दे दिए हैं. बजट घोषणा के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य में 50 हजार कृषि कनेक्शन (Agriculture Connection) दिए जाने का टारगेट है. दिनांक 12 सितंबर तक इसमें से 33,240 कृषि कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं.

क्यों महंगी हो रही है बिजली

डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि वर्ष 2014 से 2021 तक कोयले की कीमत एवं भारतीय रेल के माल भाड़े में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है. विद्युत क्षेत्र में जीएसटी नहीं है लेकिन कोयले पर 400 रुपये प्रति टन की दर से कम्पनसेशन सेस लगया गया है. यह सेस तभी देय होता है जब कोई राज्य अन्य राज्य से कोयला लेकर आता है. वर्ष 2014 में कोयले की कीमत लगभग 2000 रुपये प्रति टन थी जो 2021 में बढ़कर लगभग 3700 प्रति टन हो गई है.

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बिजली दर अधिक होते हुए भी एक्सचेंज से जितनी संभव हो सके उतनी बिजली खरीदी गई. ताकि राज्य के किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके. जिससे कि उनकी फसल खराब न हो.

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Author: CG FIRST NEWS

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