शिक्षक शिक्षिकाओं में नींव बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम जगदलपुर बी आर सी भवन में हो रहा प्रशिक्षण

संवाददाता -पुरनबघेल


जगदलपुर –नीव :बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत बस्तर जिला के सात ब्लॉकों में बहुभाषी शिक्षा पर ब्लॉक स्तर के शिक्षकों का हो रहा है प्रशिक्षण बहुभाषी शिक्षा का अर्थ शिक्षा के माध्यम के रूप में दो या दो से अधिक भाषाओं का काम में लेने से है शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में सीखने सिखाने का कार्य बच्चों के परिचित भाषा मातृभाषा के माध्यम से किया जा रहा है यह बच्चों के सीखने के कौशल को मजबूत कर बुनियाद तैयार कर सहायक करना है अपनी भाषा के माध्यम से विकसित इन कौशलों को आसानी से दूसरी भाषा अपरिचित भाषा में स्थानांतरित किया जाता है जिसमें बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम से शिक्षा के लाभ को शिक्षकों को बताया जा रहा है बच्चों को सीखने के लिए मजबूत नीव मिल रहा है इससे समुदाय और स्कूल के बीच बेहतर संबंध बनता है जो बच्चों को सीखने में मजबूत बनाते हैं शैक्षिक परिणाम बेहतर मिलता है बच्चों में आत्मविश्वास सम्मान की भावना विकास कर सभी विषय पर बेहतर समझ बनाना है स्कूल की भाषा में रुचि और उत्साह आती है कक्षा में सीखने के लिए उपयुक्त और सहज माहौल का निर्माण करना है बच्चों के पूर्व ज्ञान अनुभव को कक्षा में स्थान मिलना और नए ज्ञान को जोड़ना ड्रॉप आउट होने की दर में कमी बहुभाषी शिक्षा के लाभ इस प्रकार से समझ सकते है प्रशिक्षण में कक्षा पहली और दूसरी मातृभाषा को माध्यम मानकर उन्हें हिंदी भाषा में पूरी समझ के साथ पढ़ना सिखाना है बस्तर जिला के सभी ब्लाकों जगदलपुर तोकापाल बस्तर बास्तानार दरभा लोहंडीगुडा बकावंड ब्लॉक में अभी शिक्षक शिक्षिकाओं का अलग-अलग बैच में प्रशिक्षण दिया जा रहा है लैंग्वेज लर्निंग फाऊंडेशन के ट्रेनर द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें शिक्षकों को दूसरी भाषा सिखाने के कुछ रणनीतियां शिक्षकों को साझा की जा रही हैं जैसे सुनने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना मौखिक भाषा विकास पर ध्यान केंद्रित करना मिली-जुली भाषा का प्रयोग करना शब्दावली का विकास होना तनाव रहित सुरक्षित वातावरण में भाषा सिखाने के लिए काम करना छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिला एक आदिवासी बाहुल्य जिला बस्तर में भाषा का विशेष महत्व है जिसमें यहां की बोली जाने वाली मुख्य रूप से हल्बी गोंडी भतरी धुरवी छत्तीसगढ़ी हिंदी आदि भाषाएं बोली जाती है बच्चों को भाषा सिखाने के लिए बच्चों की घर की भाषा हल्बी को यथोचित स्थान देना है और उसे एक संसाधन के रूप में प्रयोग कर उन्हें भाषा सीखाना है प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कक्षा प्रबंधन कैसे किया जाता है बैठक व्यवस्था बच्चों के साथ जुड़ा सहज वातावरण समय प्रबंधन नियोजन आदि के बारे चर्चा विस्तृत रूप से किया गया स्कूलों में प्रिंट रिच वातावरण जैसे किताबों का कोना कविता पोस्टर बच्चों का कोना शब्द दीवार लेबलिंग चित्र चार्ट जैसे वातावरण के बारे में बताया गया भाषा का समुदाय से विशेष भागीदारी होगी जो बच्चों की शिक्षा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगीं जिसका असर केवल बच्चों को सीखने की परिणाम बल्कि उनके परिस्थिति संख्यात्मक क्षमता के विकास उनके अकादमिक प्रदर्शन पर भी पड़ता है बहुभाषी शिक्षा के दौरान समुदाय का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि समुदाय के पास स्थानीय ज्ञान के संसाधनों का भंडार होता है स्थानीय समुदाय स्कूल की शिक्षण और प्रशासनिक दोनों प्रकार से गतिविधियों में सहयोग करता है समुदाय के पास स्थानीय भाषाओं का संसाधन जैसे कहानी कविता की पहेलियां आदि का मौखिक ज्ञान होता है स्कूलों में समुदाय के सदस्यों के द्वारा कहानी उत्सव भाषा मेला आदि जैसे आयोजन कर इन संसाधनों का उपयोग करना है ।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से LLF से हलधर साहू ,टिकेश्वर सोनवंशी, सचिन ,सनत बघेल ,भरत,लीलेश BRC गरुण मिश्रा उपस्थित रहे ।

नाम को जोड़ देना सर

Leave a Comment

READ MORE

विज्ञापन
Voting Poll
9
Default choosing

Did you like our plugin?

error: Content is protected !!