कांकेर बाबा रामदेव मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 24 जनवरी से शुरू हुआ है जो 28 जनवरी को मूर्तियों की स्थापना के साथ संपन्न हुआ। 27 जनवरी को शोभायात्रा के बाद रात में 10 बजे बाबा रामदेव का जम्मा जागरण शुरू हुआ जो सुबह 7 बजे तक चला। सुबह 10 बजे विधिवत पूजन के बाद मंदिर में सभी मूर्तियों की स्थापना की गई। मूर्तियों की स्थापना के बाद महाप्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने भोजन ग्रहण किया।
शहर के पुराना कम्यूनिटी हाल के पास नवनिर्मित बाबा रामदेव रूणीचा वाले के मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया। मंदिर निर्माण की आधारशिला 2015 में कांकेर के पुराना कम्यूनिटी हाल में आयोजित जम्मा जागरण के दौरान रखी गई थी। मंदिर निर्माण के लिए जमीन का दान संपत लाल सोनी ने किया था। 2016 में मंदिर निर्माण शुरू हुआ तथा कोरोना के कारण दो सालों तक मंदिर निर्माण कार्य पुरी तरह प्रभावित रहा। मंदिर में नीचे राजस्थानी समाज भवन बनाया गया है तथा ऊपर मंदिर बनाया गया है। मंदिर में कुल 6 मूर्तियां स्थापित की गई है। बाबा रामदेव मूर्ति के लाभार्थी हैं राठी परिवार कोरर, राम दरबार मूर्ति के लाभार्थी हैं माहेश्वरी परिवार कांकेर, राधाकृष्ण मूर्ति के लाभार्थी हैं बंशीलाल शर्मा परिवार कांकेर, दुर्गा माता मूर्ति के लाभार्थी हैं प्रकाशचंद्र चोपड़ा परिवार कांकेर, शिव-पार्वती मूर्ति के लाभार्थी हैं अशोक राठी परिवार कांकेर तथा बजरंग बली की मूर्ति के लाभार्थी हैं हरीश कोचर परिवार कांकेर। 28 जनवरी की सुबह 10 बजे सभी मूर्तियों की विधिवत स्थापना की गई। इसके बाद महाप्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थानी समाज के अलावा अन्य सभी समाज ब्राम्हण समाज, सिंध समाज, साहू समाज, ठाकुर समाज, ऊपर नीचे रोड शिव मंदिर समिती, डडसेना कलार समाज, बंग समाज, हल्बा समाज, कायस्थ समाज, यादव समाज, निषाद समाज, स्वर्णकार समाज आदि समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में भोजन ग्रहण करने पहुंचे।
रात भर चला बाबा का जम्मा
मूर्तियों की स्थापना के पूर्व 27 जनवरी की रात बाबा का जम्मा जागरण हैदराबाद के सुशील बजाज द्वारा किया गया। बाबा की आरती के साथ शुरू हुआ जम्मा का दौर रात भर चला तथा सुबह 6 बजे आरती के साथ संपन्न हुआ। जम्मा जागरण में सुशील बजाज ने बाबा रामदेव के जन्म से लेकर विवाह तक की कथा सुनाई। जम्मा जागरण में कांकेर के अलावा कोरर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, नारायणपुर, धमतरी, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, मूंगेली से भी श्रद्धालु पहुंचे थे। रात भर भक्ती गीतों में श्रद्धालु झूमते रहे।
मंदिर आमजनों के लिए खुला
प्राण प्रतिष्ठा तथा मूर्तियों की स्थापना के साथ मंदिर अब आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है। मंदिर रोजाना सुबह 6 से 12 तथा शाम को 4 से रात 9 बजे तक खुलेगा। श्रद्धालु यहां पहुंच दर्शन कर सकते हैं।
Author: CG FIRST NEWS
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