डैनी डेन्जोंगपा हैं लाइमलाइट से दूर
डैनी डेन्जोंगपा ना सिर्फ बेहतरीन एक्टर और डायरेक्टर हैं बल्कि एक शानदार सिंगर भी हैं. उन्होंने कई नेपाली फिल्मों में गाना गाया है जो काफी पॉप्युलर हुए हैं.
अपने नेगेटिव किरदारों से सबके दिलों में खौंफ पैदा करने वाले डैनी डेन्जोंगपा काफी समय से लाइमलाइट से दूर हैं. बता दें कि डैनी डेन्जोंगपा ना सिर्फ बेहतरीन एक्टर बल्कि वह सिंगर और फिल्म डायरेक्टर भी हैं. डैनी ने ज्यादातर फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाए हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके काम को काफी पसंद किया गया है.
डैनी ने 4 दशकों तक काम किया है और इतना ही नहीं, उन्हें उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. डैनी ने कई इंटरनेशनल फिल्मों में भी काम किया है. सबसे ज्यादा जो उनकी फिल्म सुर्खियों में रही थी वो है सेवन इयर्स इन टिबेट. इस फिल्म में ब्रैड पिट लीड रोल में थे.
डैनी के सबसे पॉप्युलर विलेन के किरदार धुंध, 36 घंटे, बंदिश, जियो और जीने दो, धर्म और कानून और अग्निपत. वहीं उनके पॉजिटिव पॉप्युलर किरदार थे फकीरा, चोर मचाए शोर, देवता, कालीचरण, बुलंदी और अधिकार फिल्म में.
कब की करियर की शुरुआत
डैनी ने साल 1972 में फिल्म जरूरत से अपने करियर की शुरुआत की थी. लेकिन उन्हें बड़ा ब्रेक गुलजार की फिल्म मेरे अपने से मिली जो उसी साल रिलीज हुई थी. इस फिल्म में डैनी का पॉजिटिव किरदार था. इसके बाद पहली बार उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया था साल 1973 में रिलीज हुई बी आर चोपड़ा की फिल्म धुंध से. इस फिल्म में डैनी ने एक परेशान पति का किरदार निभाया था.
बड़ी बजट फिल्मों में आए नजर
डैनी ने 70 के दशक में सेकेंड लीड हीरो और कई पॉजिटिव किरदार निभाए जिसमें चोर मचाए शो, 36 घंटे, फकीरा, संग्राम, कालीचरण, काला सोना और देवता शामिल हैं. देवता में डैनी की परफॉर्मेंस इतनी अच्छी थी कि इसके बाद उन्हें और थोड़े बड़े सीन्स मिलने लगे. फिर वह बड़े बजट की फिल्में जैसे आशिक हूं बहारों का, पापी, बंदिश, द बर्निंग ट्रेन शामिल हैं. इन सभी फिल्मों में डैनी ने नेगेटिव किरदार निभाया था.
सोचा था फिल्मों को छोड़ दूं
80 के दशक के आखिर में डैनी ने फिल्मों को छोड़ने का सोचा था. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, मुझे याद है 80 के दशक में मैं परेशान हो गया था उन फिल्मों से जो मैं कर रहा था. उस समय पर हर खलनायक एक डकैत था. मैं सेट पर जाता था जहां एक एक्टर जिसका नाम तिवारी था वो मेरी गैंग का एक आदमी होता था और मेरा एक डेन होता था जिसमें बहुत लालटेन होते थे. अगले दिन मैं दूसरे सेट पर जाता और वहां मुझे फिर तिवारी दिखता और वही लालटेन. मैं खुद से पूछता था कि मैं क्या कर रहा हूं. मैंने मुंबई छोड़ दिया था और बहुत ट्रैकिंग करता और कुछ सालों तक काम नहीं किया.
मैंने फिर एन एन सिप्पी से एक स्क्रिप्ट को लेकर बात की जो मेरे दिमाग में थी और उन्हें बताया कि मैं इसे डायरेक्ट करूंगा. मैंने फिर वही रात बनाई जिसमें राजेश खन्ना लीड रोल में थे और उनकी गर्लफ्रेंड का किरदार किम ने निभाया था.
डायरेक्ट की फिल्म
डायरेक्टर के तौर पर बनाई पहली फिल्म को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिलने के बाद डैनी को फिर से हीरो के किरदार के लिए ऑफर्स आने लगे. इसके बाद उन्होंने बुलंदी और हम से बढ़कर कौन है में काम किया जो हिट रहीं. हालांकि फिर 1981 से लेकर 1983 तक डैनी की फिल्में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाईं. अपने फेलियर से डैनी काफी परेशान हो गए थे. इसके बाद वह सपोर्टिंग किरदार में नजर आने लगे. कई फिल्मों में तो वह अपनी उम्र से ज्यादा उम्र के किरदार निभाते थे.
अब लाइमलाइट से हैं दूर
डैनी काफी समय से साल में 1 फिल्म करते हैं. लास्ट वह कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी में नजर आए थे. हालांकि डैनी लाइमलाइट से काफी दूर रहते हैं. वह ज्यादा बॉलीवुड इवेंट्स या पार्टीज में नजर नहीं आते हैं. इसके अलावा वह सोशल मीडिया पर भी नहीं हैं जो वह वहां से फैंस से इंटरैक्ट करें.
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Author: CG FIRST NEWS
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