जोनल प्रवक्ता ने सरकार की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब एक-एक कर दिया है। पहले सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, क्या संगठन आज के हिंसात्मक माहौल में सरकार से वार्ता के लिए तैयार है तो इस पर उन्होंने कहा हां लेकिन सरकार ने खुद पहले शर्त रखी है जो हमें मंजूर नहीं है।
दूसरा सवाल कि, संगठन आदिवासियों को किस प्रकार से एकजुट करेगी तो सरकार प्राकृतिक संपदा को कॉरपोरेट घरानों को सौंपकर उसका दोहन कर रही है। जनआंदोलन कर्ता इसका विरोध करते हैं तो उन्हें जेल में ठूंसा जा रहा है। जनता ये सब देख रही है। हमें उसपर भरोसा है।
सरकार अपनी बर्बरता छोड़े- जोनल प्रवक्ता विकल्प
जोनल प्रवक्ता ने आगे कहा कि, हम भी शांति चाहते हैं लेकिन पहले सरकार अपनी बर्बरता छोड़े। मेनस्ट्रीम की मीडिया कभी भी पुलिस की बर्बरता को नहीं दर्शाती है। इसलिए ही उसे गोदी मीडिया का नाम दिया गया है। जो आदिवासी इन अत्याचारों का विरोध करते हैं उन्हें जेल में ठूंसा जा रहा है। अब देश में तानाशाही के आसार नजर आने लगे हैं। जो हिटलर की नीति अपनाता है वह हिटलर की ही मौत मरता है।
Author: CG FIRST NEWS
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