Mukesh Chandrakar Case: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से माओवादी भी दुखी, प्रेस नोट जारी करके जताया खेद

Mukesh Chandrakar Case: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या ने छत्तीसगढ़ और पूरे देश को हिला कर रख दिया है। जनता के मुद्दों को उजागर करने और भ्रष्टाचार को बेनकाब करने वाले इस प्रतिष्ठित पत्रकार की दर्दनाक मौत ने व्यापक आक्रोश को जन्म दिया है। इस मामले में राजनीतिक दलों, पत्रकारों और यहां तक कि माओवादी संगठन ने भी न्याय की मांग की है।

माओवादियों ने की हत्या की निंदा

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने प्रेस नोट जारी कर मुकेश चंद्राकर की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रवक्ता समता ने इस हत्या को “निंदनीय” करार दिया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। माओवादियों ने मुकेश की स्थानीय पत्रकारिता और उनके सामाजिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक मुद्दों को उजागर करने के प्रयासों की सराहना की।

अपने बयान में माओवादियों ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है और यह हत्या उन ताकतों से जुड़ी हो सकती है जो सरकार के संरक्षण में कार्यरत हैं। उन्होंने हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की और पत्रकार समाज को न्याय दिलाने का वादा किया।

मामले में बड़ी सफलता: आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस हत्याकांड में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया। एसआईटी ने पुष्टि की कि सुरेश, जो मुकेश का रिश्तेदार और कांग्रेस नेता है, ने अपने भ्रष्टाचार का खुलासा होने के कारण इस हत्या को अंजाम दिया। यह गिरफ्तारी मामले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खौफनाक खुलासे

मुकेश चंद्राकर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी हत्या की बर्बरता का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार:

उनका लिवर चार टुकड़ों में फटा हुआ था।

पांच पसलियां टूटी हुई थीं।

सिर में 15 फ्रैक्चर थे।

हार्ट फटा हुआ था और गर्दन टूटी हुई थी।

डॉक्टरों ने बताया कि अपने 12 साल के करियर में उन्होंने इतनी निर्मम हत्या नहीं देखी। इस खुलासे ने जनता के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।

पत्रकारों की मांग और विरोध

इस हत्या के बाद पूरे देश में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से कई मांगें रखीं:

दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और सख्त सजा।

आरोपी की संपत्ति कुर्क कर परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता।

मुकेश चंद्राकर को “बलिदानी” का दर्जा।

पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना।

सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि प्रदेश में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक, 2023 की अहमियत को स्वीकार किया, जो पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पारित हुआ था। हालांकि, इसके लागू होने में देरी पर मुख्यमंत्री ने सरकार की मंशा स्पष्ट होने की बात कही। उन्होंने पत्रकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

CG FIRST NEWS
Author: CG FIRST NEWS

CG FIRST NEWS

Leave a Comment

READ MORE

विज्ञापन
Voting Poll
10
Default choosing

Did you like our plugin?

READ MORE

error: Content is protected !!