अशोक जैन / Korar News – बुधवार को सर्व आदिवासी समाज ने आक्रोश के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया। नगर में पदयात्रा रैली निकाली गई ,आदिवासियो के हाथों बैनर पोस्टर । के साथ वे अपने हक और अधिकारों को लेकर आवाज बुलंद किए। पांच परगना से बड़ी संख्या में समाज के पुरुष महिलाए और युवतियों ने आदिवासियों की पारंपरिक वेशभूषा साथ कार्यक्रम में भाग लिया।
आज बुधवार को पहली बार विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समुदाय के लोगों ने देश भर में आदिवासियों के साथ हो रही अपराधिक घटनाओं के विरोध में आक्रोश दिवस के रूप में मनाया। आदिवासियों के साथ शोषण अत्याचार की घटनाए लगातार देश भर में बढ़ रही है ,इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस 9 अगस्त को आक्रोश के साथ मानने निर्णय लिया था। बता दे कि 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में आदिवासियों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया था। जिसे प्रतिवर्ष आदिवासी समाज धूमधाम से मनाते आ रहे है।
कार्यक्रम का शुरुआत आदिवासियों महापुरुषों के छायाचित्र पर दीप प्रचलित कर किया गया। तत्पश्चात सभी परगना के मांझी,चालकी,पुजारी, पटेल,सिरहा,गायता सहित समाज के वरिष्ठ जनों का मंच में पगड़ी और तिलक लगाकर आत्मीय स्वागत किया गया। आदिवासी समाज के वरिष्ठ वक्ताओं ने संबोधित करते हुए आदिवासी संस्कृति वेशभूषा और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों के बारे में बताए और आदिवासियों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर शर्मनाक बताया।आदिवासी समाज के युवा पीढ़ी को उनके हितों के बारे में जानकारी दी। जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव ने कहा कि देशभर में आदिवासियों के साथ हो रहे घटनाओं को लेकर इस बार आक्रोश रैली के साथ ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष आदिवासी नृत्य,सांस्कृतिक कार्यक्रम नाच गान डीजे इत्यादि का प्रयोग नहीं किया गया है। हमारे देश में महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है आदिवासियों के ऊपर उत्पीड़न हो रहा है,उनके जल जंगल जमीन को छीना जा रहा है। आक्रोश के रूप में सर्व आदिवासी दिवस का त्योहार को मना रहे है,
Author: CG FIRST NEWS
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