बस्तर अंचल के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में हरियाली त्यौहार की तैयारियां शुरू



*एक सप्ताह पहले से ग्रामीण क्षेत्रों में हरियाली त्यौहार की तैयारी शुरू हो जाती है*

*इस बार छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली पर्व सोमवार 17/07/2023 को मनाया जा रहा है*

फरसगांव/विश्रामपुरी~ *कोंडागांव जिले के विकासखंड बड़ेराजपुर

अंतर्गत ग्राम पंचायत हरवेल में हरियाली त्योहार (हरेली) पर्व की तैयारी जोर शोर के साथ तैयारी में लगे हुए हैं इस त्योहार का इंतजार ग्रामीण एक सप्ताह से आने का इंतजार करते रहते हैं जिसमें आसपास के ग्राम हरवेल तर‌ईबेड़ा डीहीपारा कुल्दाडीही पीढापाल पिटीसपाल किबडा धामनपुरी छिंदली कोपरा बालेंगा तितरवंड में भी धुमधाम के साथ मनाया जाता है

सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार हरेली पर्व मनाया जाता है। सावन मास की कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस दिन किसान कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा-अर्चना करने के साथ ही अच्छी फसल की कामना करते हैं। हरेली पर्व में बैलों, हल व खेती में काम आने वाले औजारों की विशेष पूजा करने के बाद खेती का काम शुरू किया जाता है।


कैसे मनाया जाता है हरेली पर्व-

हरेली पर्व पर किसान नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि में काम आने वाले औजारों की साफ-सफाई करते हैं। इस अवसर पर घरों में गुड़ का चीला बनाया जाता है। बैल, गाय व भैंस को बीमारी से बचाने के लिए बगरंडा और नमक खिलाने की परपंरा है।


अच्छी फसल की प्रार्थना-

हरेली पर्व पर कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा करने के बाद किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं। किसान डेढ़ से दो महीने तक फसल लाने का काम खत्म करने के बाद इस त्योहार को मनाते हैं। इस पर्व पर बच्चों के लिए गांवों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

बस्तर दशहरा पर्व भी है इसमें जुड़ा



75 दिनों तक मनाया जाने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा हरियाली अमावस्या को ही पाट जात्रा रस्म के साथ बस्तर दशहरे की होती है शुरुआत जिसमें बस्तर संभाग के सभी गणमान्य नागरिक मांझी चालकी पुजारी रावत इस बस्तर दशहरा में शामिल होकर यह रस्म की शुरुआत की जाती है


हरेली पर्व पर गेडी चढ़ने का है परम्परा


हरेली से तीजा तक होता है गेड़ी दौड़ का आयोजन हरेली त्यौहार के दिन गांव के प्रत्येक घरों में गेड़ी का निर्माण किया जाता है, मुख्य रूप से यह पुरुषों का खेल है घर में जितने युवा एवं बच्चे होते हैं उतनी ही गेड़ी बनाई जाती है। गेड़ी दौड़ का प्रारंभ हरेली से होकर भादो में तीजा पोला के समय जिस दिन बासी खाने का कार्यक्रम होता है उस दिन तक होता है।

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