पांच साल बाद राज्य में हो रहा छात्रसंघ चुनाव की तैयारी, मतदान से चुनेंगे अपना प्रतिनिधि

छत्तीसगढ़ के विवि और कॉलेजों में भी छात्रसंघ चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। सबकुछ ठीक रहा तो 5 साल बाद एक बार फिर कॉलेजों में मतदान होगा। छात्र राजनीति मैदान में दिखेगी और पोस्टर-नारों के साथ नए छात्रों का स्वागत किया जाएगा। राज्य के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में इस साल छात्रसंघ चुनाव के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं।
उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें छात्रसंघ के गठन की प्रक्रिया और शपथ ग्रहण का समय सितंबर में तय किया गया है। यानी यह तो तय है कि छात्रसंघ के नए अध्यक्ष हर हाल में बनेंगे, बस राज्य सरकार इस बात पर फैसला लेगी कि इसका चयन मतदान से होगा या फिर मेरिट लिस्ट के आधार पर मनोनयन से। छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्र संगठनों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है।छात्र संगठन कॉलेजों में बना रहे नए सदस्य
एनएसयूआई हो या फिर एबीवीपी। सभी प्रमुख छात्र संगठनों ने इस बार मतदान से चुनाव की तैयारी शुरू की है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से यह भी माना जा रहा है कि वहां की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी इस साल वोटिंग से ही छात्रसंघ चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में कई साल तक छात्रसंघ चुनाव बंद थे। लेकिन 2014 में कॉलेज व विश्वविद्यालयों के छात्रसंघों के गठन के लिए प्रत्यक्ष चुनाव का नियम बना था। यह नियम 3 साल के लिए था, यानी 2014 से 2016 तक चुनाव वोटिंग से हुए।
कुलपतियों से भी मिल रहे ताकि वोटिंग हो
पिछले तीन साल के चुनाव में कॉलेजों में जबरदस्त उत्साह रहा। लेकिन 3 साल के बाद इस नियम पर फिर से मंथन किया गया। सभी विवि के कुलपतियों से इस संबंध में राय ली गई। लेकिन अधिकतर कुलपतियों ने मतदान के बजाय मनोनयन सिस्टम का समर्थन किया। इस वजह से कुलपतियों से मुलाकात की जा रही है। ताकि वे मतदान के फैसले पर छात्र संगठनों का समर्थन करें। गौरतलब है कि 2017 से अब तक मनोनयन फार्मूले से ही कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव हो रहे हैं।
रविवि में तीनों बार रहा एबीवीपी का कब्जा
छात्रसंघ चुनाव जब मतदान से हो रहे थे उस समय यानी 2014 से 2016 तक एबीवीपी औैर एनएसयूआई के बीच ही कड़ा मुकाबला रहा। बाकी कोई भी छात्र संगठन मैदान में नहीं टिक सका। राजधानी के भी सभी छोटे-बड़े कॉलेजों में दोनों संगठनों का ही दबदबा रहा। लेकिन रविवि में तीनों बार एबीवीपी समर्थित छात्र ही अध्यक्ष पद पर चुनाव जीते। आखिरी छात्र संघ चुनाव 2016 में राज्य में अन्य विवि में अधिकांश में एबीवीपी समर्थित छात्र ही अध्यक्ष बने।
छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि हर हाल में चुनाव चाहिए
इस बार छात्रसंघ चुनाव मतदान से ही होने चाहिए। देश के कई राज्यों में वोटिंग से ही छात्रसंघ चुनाव हो रहे हैं।
छात्रसंघ चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। विवि के कुलपतियों से भी मुलाकात हुई है।
​​​​​​​छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए। यह छात्रों का मौलिक अधिकार है। इस बार हर हाल में चुनाव कराया जाए।

CG FIRST NEWS
Author: CG FIRST NEWS

CG FIRST NEWS

Leave a Comment

READ MORE

विज्ञापन
Voting Poll
6
Default choosing

Did you like our plugin?

READ MORE

error: Content is protected !!