रायपुर।नशीली दवाओं की लत एक ऐसी बीमारी है जो आपके मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित करती है। जब आप नशीली दवाओं के आदी हो जाते हैं, तो आप उन्हें इस्तेमाल करने की इच्छा का विरोध नहीं कर सकते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दवाओं से कितना नुकसान हो सकता है। जितनी जल्दी आप नशीली दवाओं की लत के लिए इलाज करवाते हैं, उतनी ही अधिक संभावना है कि आप बीमारी के कुछ अधिक गंभीर परिणामों से बचेंगे। क्योंकि यह मानव मस्तिष्क के प्रभाव का परिणाम है लत तब होती है जब आप रुक नहीं सकते। तब नहीं जब यह आपके स्वास्थ्य को खतरे में डालता है। तब नहीं जब यह आपके या आपके प्रियजनों के लिए वित्तीय, भावनात्मक और अन्य समस्याओं का कारण बनता है। ड्रग्स लेने और उपयोग करने की इच्छा दिन के हर मिनट भर सकती हैं, भले ही आप छोड़ना चाहते हों। जब आप लंबे समय तक ड्रग्स का उपयोग करते हैं, तो यह अन्य मस्तिष्क रासायनिक प्रणालियों और सर्किटों में भी बदलाव ला सकता है।
आज भारत जैसे देश में नशे के बढ़ते दुष्प्रभाव को लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली व संकल्प सांस्कृतिक समिति रायपुर छत्तीसगढ़ के सयुक्त तत्वाधान में एकीकृत नशा मुक्ति पुनर्वास (IRCA), आउटरीच ड्राप इन सेंटर (ODIC ), कमुनिटी बेस्ड पियर लेड इंटरवेंशन (CPLI), व राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी (SLCA), जैसे परियोजना का संचालन कर रही है।इसके लिए राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी समय समय पर विभिन्न क्षेत्रों में नशे के दुष्प्रभाव एवं उसके बढ़ते दुरुपयोग को लेकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजना किया जाता है,जिससे की समाज नशे से पीड़ित व्यक्तियों का पुनर्वास हो सके एवं भारत सरकार की मिलने वाली सेवाओ का लाभ प्राप्त कर सके।
Author: CG FIRST NEWS
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