kanker जिले के कृषक अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग कर कृषि कार्य से अपने जीवन में बदलाव ला रहे है। शासन-प्रषासन की मदद से अंदरूनी क्षेत्रो में बसे कृषकों को अब विषम भौगोलिक स्थिति में भी कृषि कार्यो के प्रति प्रोत्साहन मिला रहा है। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए जिले के कृषक उन्नत खेती कर एक बेहतर जीवनषैली की ओर आगे बढ़ रहें है। फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित देखरेख के साथ आवष्यकतानुसार पानी जरूरी है। अंदरूनी क्षेत्र के गांवों में मूलतः विद्युत आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था के अभाव में कृषकों को खेत तक पानी पहुंचाने की समस्या का सामना करना पड़त है। विद्युतविहीन खेतों में सोलर पम्प स्थापना से निःषुल्क बाधारहित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है।
जिला कांकेर के विकासखण्ड कोयलीबेड़ा में सैकड़ों किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर रहे है। सौर ऊर्जा से मोटर पंप चलने से किसानों को विद्युत विभाग के चक्कर लगाने तथा लो-वोल्टेज की समस्या से राहत मिल रहा है, साथ ही बार-बार बिजली गुल होने जैसी समस्या तथा भारी भरकम बिजली बिलों से छुटकारा मिल रहा है। जहां बिजली पोल पहुंच पाना संभव नही है। ऐसे अनेकों गांव तथा खेत खलिहान में सोलर पंप लगाने की प्राथमिकता दी जा रही है। विकासखण्ड कोयलीबेड़ा के सुदूर वनांचल क्षेत्रों के किसानों के लिए सौर सुजला योजना कारगर साबित हो रही है।
जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर विकासखण्ड कोयलीबेड़ा क्षेत्र के पी.व्ही-25 रामकृष्ण पुर के किसान परिमल बोस ने बताया कि वह अपने खेत में 05 हार्स पावर का सोलर पंप स्थापित कर तालाब निर्माण किया है। तालाब में सोलर पंप से पानी भरकर मछली पालन कर रहा है, जिससे एक साल में लगभग 03 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। साथ ही साथ वह अपने खेतों में मक्का की खेती कर रहा है, जिसमें सोलर पंप के माध्यम से सिंचाई कर रहे है मक्का की खेती से 04 लाख की कमाई हो रही है। कोयलीबेड़ा क्षेत्र के किसानों की दषा और दिषा बदलने में अब सौर सुजला योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
Author: CG FIRST NEWS
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