संवाददाता – विवेक कुमार
पाटन। प्रदेश में सरकार के पुनर्गठन पर लोगों को उम्मीदें जागी थीं कि अब अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा। लकड़ी माफियाओं पर जिम्मेदार शिकंजा कसेगी, लेकिन माफिया के खिलाफ कार्रवाई में शिथिलता नजर आ रही है। अवैध कारोबार रुकने के बजाय बेतहाशा बढने लगा है। हम बात कर रहे हैं ग्रामीण अंचलों में अंधाधुंध लकड़ी कटाई की।दे लकड़ी माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर धडल्ले से हरे भरे वृक्ष काटकर नष्ट कर रहे हैं।
पाटन ब्लाक के अनेक गांवों में अवैध लकड़ी का धंधा धडल्ले से चल रहा है, कार्यवाही दिखने के नाम से एक दो कार्यवाही तो जरूर होती है लेकिन कुछ समय बाद यह फिसड्डी साबित हो जाती है ।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार औरी जामगांव आर, मोतीपुर, सातरा, उतई के आसपास क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों प्रतिबंधित वृक्षों की कटाई का अवैध कारोबार जोरों पर है। इस कार्य को रोकने में संबंधित स्थानीय विभागीय अफसर भी लाचार नजर आ रहे हैं। वही लकड़ी तस्करी करने वाले लोग भारी मात्रा में कौहा लकड़ी गोला से भरी मेटाडोर को बीती दिनों सुरपा में रखे थे, पूरी व्यवस्था के साथ इलाके में लकड़ी माफिया जबरदस्त प्रभाव व राजनीतिक सहभागिता के साथ सक्रिय है। वहीं इस मामले में कार्रवाई के नाम पर जिला सहित अनुविभाग स्तर के विभाग फिसड्डी साबित हो रहे हैं। एक ओर जहां शासन व प्रशासन वृक्ष बचाने व पौधारोपण की जरूरत कागज पर ही प्रयासरत दिखाई देते हैं, वहीं जमीनी हकीकत इसके उलट है। पूरे सिस्टम को ताक में रखकर जमकर प्रतिबंधित लकड़ी का कारोबार चल रहा है, जिसको देखकर पर्यावरण प्रेमी व शुभचिंतक भी चकित हैं।
Author: CG FIRST NEWS
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