आर्थिक नाकेबंदी को देखते हुई,, आज भी पुलिस प्रशासन ने सुरक्षित व शांति व्यवस्था बनाते हुए ,आने जाने वाले राहगीरों को किसी प्रकार की परेशानी, न हो, जिससे मालवाहक वाहनों को नेशनल हाईवे 30 राजा राव पठार मैदान में व्यवस्थित किया जा रहा है,,,
संवाददाता :-देवेंद्र पोया
आदिवासी समाज की मुख्य मांगें
- सुकमा के सिलगेर के मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख तथा परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी.
- बस्तर संभाग की नक्सल समस्या पर स्थायी समाधान के लिए सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थायी समाधान और राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल.
- पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता, तब तक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नत रिक्त पदों को नहीं भरा जाना.
- शासकीय नौकरी में बैकलॉग और नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाना.
- पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूलनिवासियों को शत-प्रतिशत आरक्षण.
- संभाग एवं जिलास्तर पर भर्ती और प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज पर लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाना.
- गांव की सामुदायिक गौन खनिज का उत्खन्न एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाना.
- ग्राम सभा द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पट्टा दिया जाना और फर्जी जाति मामले में दोषियों पर कार्रवाई.
- छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जनजातियों की मात्रात्मक त्रुटि में सुधार कर उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना.
- अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई.
- छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय की 2.50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त की जाए.
- आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी होने पर उक्त महिला को जनजाति समुदाय के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनप्रतिधिनित्व, शासकीय सेवा तथा जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिनियमों में आवश्यक संशोधन.
- वन अधिकार कानून 2006 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराना और पेसा कानून के क्रियान्वयन नियम तत्काल बनाकर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना. अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को विखंडित कर दोबारा से ग्राम पंचायत में परिवर्तित किया जाना.
- 13 बिंदुओं पर राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर 15 दिनों में निर्णय कर समाज को उचित तरीके से सूचित किया जाना.
Author: CG FIRST NEWS
CG FIRST NEWS
Post Views: 22