प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेता।
लगभग 1 महीने बाद भी कवर्धा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर अब नए सिरे से सरकार को घेरना शुरू किया है। गुरुवार को बृजमोहन अग्रवाल और सांसद संतोष पांडे ने मिलकर रायपुर के एकात्म परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कवर्धा मामले को सरकार बेहद हल्के में ले रही है। हम इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।
मीडिया को कवर्धा हिंसा में घायल हुए दुर्गेश ने अपने जख्म दिखाए।
बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया कि इलाके के विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री मोहम्मद अकबर और कुछ अफसरों ने जानबूझकर एकपक्षीय कार्रवाई की। अग्रवाल ने कहा कि अब हम न्यायालय जा रहे हैं, हम मंत्री मोहम्मद अकबर और अफसरों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और अदालत से दरख्वास्त करेंगे कि इन लोगों पर जुर्म दर्ज किया जाए।
जिस पर हमला उसके खिलाफ केस
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि घटना में घायल हुए दुर्गेश देवांगन नाम के युवक पर चाकू और रॉड से हमला हुआ। उसके खिलाफ ही चाकूबाजी और हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया गया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जिन लोगों के वोटों के जरिए कांग्रेस सत्ता में आई उनका भी सम्मान नहीं किया जा रहा। कवर्धा में भगवा ध्वज का अपमान हुआ और इसका विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
यह है कवर्धा विवाद
3 अक्टूबर की शाम कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर दो गुटों में जबरदस्त विवाद हुआ। यह सारा फसाद एक खंभे में झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ। युवकों के बीच लाठी-डंडे और चाकू भी चले। अलग-अलग गुट में लड़कों ने खूब मारपीट की, इस घटना की खबर सामने आई तो 5 अक्टूबर को फिर से पूरे कवर्धा में विरोध प्रदर्शन और रैली निकाली गई। हिंसक झड़प भी हुई। कई जगहों पर युवकों द्वारा तोड़फोड़ की गई। इसके बाद कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कवर्धा में कर्फ्यू लगाने तक की नौबत भी आ गई थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी सियासी बयानबाजी जारी है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं पर भी हिंसा भड़काने का आरोप है और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है।
Author: CG FIRST NEWS
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