नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ फिर एक बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

जिला ब्यूरो :-फिलिप चाको

नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ फिर एक बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

श्रीमती अनिला भेड़िया मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं


श्रीमती तेजकुंवर नेताम अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राष्ट्रीय स्कोच रजत सम्मान प्राप्त किया ।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग छत्तीसगढ़ के ’’मोर मयारू गुरूजी’’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय सिल्वर स्कोच अवार्ड से नवाजा गया ।


छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के ’’मोर मयारू गुरूजी’’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर स्कोच सिल्वर अवार्ड दिनांक 19 दिसम्बर 2022 को प्राप्त हुआ । इस सम्मान को इंडिया हैबिटेट सेन्टर नई दिल्ली में एक बड़े गरिमामय कार्यक्रम में स्कोच फाउण्डेशन द्वारा प्रदान किया गया । इस सम्मान को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया  और आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम  ने प्राप्त किया । इस अवसर पर आयोग के सचिव श्री प्रतीक खरे एवं आयोग की सदस्य श्रीमती पूजा खनूजा उपस्थित थे । सम्मान प्राप्त करते समय देश भर के वरिष्ठ उच्चाधिकारी जैसे आई.ए.एस., आई.पी.एस. और अनेक अन्य शासकीय संस्थाओं के बड़े पदाधिकारी सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे । अवार्ड  देने के पूर्व माननीय मंत्री जी एवम माननीय अध्यक्ष का शाल पहनाकर सम्मान किया गया।  सम्मान प्राप्त करने उपरांत अपने उद्बोधन में श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा कि बच्चों की मानसिकता को देखकर समझकर शिक्षकों को बच्चों से व्यवहार करने के उद्देश्य से ये कार्यक्रम आरंभ किया गया है । इस सम्मान समारोह में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और वन विभाग बालोद को भी अवार्ड प्राप्त होने पर उन्होंने बधाई दी ।उन्होंने कहा कि सरकार अक्सर आलोचना की शिकार होती है लेकिन जब राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त होता है तो काम करने वालों का हौसला बढ़ जाता है । उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्कोच अवार्ड एक अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मान है जो कि 07 चरणों की चरणबद्ध प्रक्रिया को पार करने के उपरांत ही प्राप्त होता है और एक श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर केवल 2 या 3 अवार्ड ही दिये जाते हैं । ये अवार्ड महिला एवं बाल विकास की श्रेणी में बाल संरक्षण के क्षेत्र में ’’मोर मयारू गुरूजी’’ कार्यक्रम के नवाचार पर दिया गया है। माननीय मंत्री जी ने बताया कि ’’मोर मयारू गुरूजी’’ कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों के बच्चों पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को रूचिकर तरीके से बताते हुए इस बात के लिए जागरूक किया जाता है कि बच्चों से व्यवहार करते समय या सम्पूर्ण शिक्षा के दौरान शिक्षक के चरित्र तथा व्यक्तित्व का बच्चों पर असर पड़ता है और यदि इसका सजगतापूर्वक ध्यान रखा गया तो बच्चों को नैतिकता और उत्तम चरित्र प्रदान कर बाल अधिकारों की रक्षा संभव है । आयोग द्वारा अब तक इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों एवं राज्य स्तर पर लगभग 2000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है । भविष्य में इसे जिला स्तर तक विस्तार करने की भी योजना है । मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को सम्मानित करने के लिए स्कोच फाउंडेशन को धन्यवाद भी दिया ।




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Author: philip chacko

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