उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) में शुक्रवार को हाथरस मामले (Hathras Case) में पीड़िता के परिवार को राहत के मुद्दे पर सुनवाई होगी. हालांकि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से राहत योजना संबंधी दस्तावेज पेश हो चुके हैं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को पहले के आदेश के तहत 26 नवंबर को सूचीबद्ध किया जाए.
दरअसल, जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने बीते गुरुवार को यह आदेश हाथरस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ शीर्षक से कायम जनहित याचिका पर दिया. पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से राहत योजना संबंधी अधिसूचनाओं और शासनादेशों को पेश किया गया था. लेकिन इस बार कोर्ट ने इन्हें रिकॉर्ड पर लेकर पीड़िता के परिवार की एडवोकेट को राहत मामले में हलफनामा दाखिल करने को हफ्ते भर तक का समय दिया था. इससे पहले सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार की एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने कोर्ट को बताया था कि परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा मिल चुका है.
कोर्ट आज करेगा इस मामले की सुनवाई
वहीं, इस मामले में बतौर न्यायमित्र नियुक्त किए गए सीनियर एडवोकेट जेएन माथुर ने कोर्ट को बताया था कि संबंधित अधिनियम के तहत मृतक आश्रित को 5 हजार रुपए पेंशन, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, कृषि भूमि, मकान और स्नातक तक पढ़ाई का खर्च आदि दिए जाने का नियम है. हालांकि मकान, नौकरी या पेंशन का लाभ परिवार को अब तक नहीं दिया गया है. फिलहाल इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई आज यानि कि 26 नवंबर को करेगी.
14 सितंबर को घटा था हाथरस कांड
गौरतलब है कि हाथरस की घटना 14 सितंबर को हुई थी, जबकि 29 सितंबर को इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. उसके बाद जल्दबाजी में जिस तरह प्रशासन ने अंतिम संस्कार किया, उसपर काफी सवाल उठे. तब से परिवार की सुरक्षा, स्थानीय प्रशासन के व्यवहार जैसे तमाम मसलों पर यूपी सरकार घेरे में आती रही है.
Author: CG FIRST NEWS
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