रिपोर्ट:-फिलिप चाको
ग्रामीण क्षेत्रोंं में फैला सट्टा का मकड़ जाल
प्रतिदिन 10 से 20 लाख रूपए लगा रहे ग्रामीण सट्टे पर
डौंडी । सरकार बदलने के तीन साल बाद ही नये डीजीपी पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस विभाग को फरमान जारी किया गया कि समस्त जिले के पुलिस अधीक्षक अपने क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित किए जाने वाले कार्यों पर ध्यान देकर तत्काल कार्यवाही करें। अगर जानकारी के बावजूद ऐसे कार्य किसी भी जिले में संचालित करने की बात सामने आयेगी तो उसे जिले के पुलिस अधीक्षक पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
लेकिन बालोद जिले के औद्योगिक नगरी डौंडी एवं इससे सटे दर्जनों गांव में खुलेआम सट्टा का संचालन एवं अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व इस जिले से नए डीजीपी के आदेश पर पूर्व पुलिस अधीक्षकों ने कार्यवाही कर इस जिले से सट्टा संचालन पूर्ण रूप से बंद करा दिया था। साथ ही साथ कई बड़े खाईवाल पर कार्यवाही कर उन्हें जिले से बाहर रहने पर मजबूर कर दिया गया था। किंतु पुलिस अधीक्षक बदलने के साथ ही कई थाना क्षेत्रों में सट्टा संचालन की गतिविधियां बढऩा शुरू हो गई। डौंडी जो वर्षों से जिले में सट्टा संचालन का प्रमुख केन्द्र रहा है। सूत्रों पर अगर विश्वास किया जाये तो लगभग 10 से 20 लाख रूपए का सट्टा पर दांव लगाकर क्षेत्र के दो प्रसिद्ध खाईवाल इस क्षेत्र के भोले भाले लोगों को बर्बाद करने पर तूले हैं। शहर के कई वार्ड इस अवैध रूप से संचालित सट्टा व्यवसाय की चपेट में है। खुलेआम दोपहर से लेकर देर रात्रि तक लोग विभिन्न जगहों व जंगल के अंदर बैठे सटोरियों के पास दांव लगाकर अपनी पर्ची लेते हुए देखे जाते हैं। शहर के अलावा आदिवासी विकास खंड महामाया एवं इसके आसपास के दर्जनों गांव जिसमें , घोटिया, मरकाटोला, आमाडुला , पचेड़ा, बम्हनी, कोटागांव व दल्ली राजहरा के वार्ड नं 25 व क्षेत्र के दो प्रसिद्ध खाईवाल इस काम शामिल हैं। यहां सटोरिये बिना किसी डर-भय के खुलेआम सट्टा संचालन का कार्य करते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकार के सट्टा संचालन संबंधित कुछ खबर कुछ अखबार नवीसों द्वारा छापे जाने पर डौंडी में सट्टा खाईवाल ने उसके द्वारा कई संवाददाताओं को देख लेने की धमकी भी दी गई थी। लेकिन कुछ दिन तक सट्टा संचालन का कार्य दबे रूप से चलता रहा लेकिन अब खुलेआम डोंडी नगर पंचायत के आसपास एवं उपरोक्त ग्रामपंचायत में प्रशासन के सहयोग से संचालित हो रहा है। कुछ कथित पूर्व खाईवालों के अनुसार राजहरा शहर एवं उसके आसपास के ग्राम पंचायतों से लगभग 10 से 20 लाख रूपए की पट्टी सट्टा संचालन के माध्यम से आती है। जो सभी सरकारी विभाग में पूर्ण मिलीभगत से बंट जाती है। अत: पुलिस के थानेदार से लेकर छोटे कर्मचारी भी इतनी बड़ी आवक को रोकने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं। कुछ पुलिस कर्मचारियों के अनुसार इस क्षेत्र के थाने में पदस्थापना के समय से ही जानकारी दे दी जाती है कि ऐसे कारोबार को आप कैसे सहुलियत से संचालित करा सकते हैं। वर्तमान में डौंडी एवं उसके आसपास के थाने के क्षेत्र से लाखों रूपए की सट्टा पट्टी खुलेआम क्षेत्र के दो प्रसिद्ध खाईवालो के माध्यम से निर्धारित जगहों पर पहुंच रहे हैं लेकिन सब कुछ जानने के बावजूद भी स्थानीय अधिकारी किसी प्रकार की कार्यवाही न कर छत्तीसगढ़ शासन के पुलिस महानिरीक्षक के दिए गए आदेशो की अव्हेलना कर रहे हैं।
————फिलिप चाको की ग्राऊंड रिपोर्ट
Author: CG FIRST NEWS
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