मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित मिंटो हॉल (Minto Hall) का नाम शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बदल दिया. सीएम शिवराज ने बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में इसका नाम बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे हॉल (Kushabhau Thakre Hall) करने की घोषणा की है. सीएम ने इस दौरान कहा कि हम जहां बैठे हैं इसका नाम मिंटो हॉल है. सीएम ने कहा कि अब आप बताओ ये धरती अपनी, ये मिट्टी अपनी, ये पत्थर अपने, ये गिट्टी अपनी, ये चूना अपना, ये गारा अपना, ये भवन अपना, बनाने वाले मजदूर अपने, ये पसीना अपना और नाम मिंटो का.
सीएम ने आगे कहा कि इस विधानसभा भवन में कई लोग बैठे थे. उन्हें यहां तक और लोकसभा तक पहुंचाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे हैं. जिनने ये नेता गढ़े, जिनने ये कार्यकर्ता बनाये, जिनने पूरे मध्यप्रदेश में वट वृक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी को खड़ा किया इसलिए मिंटो हाल का नाम कुशाभाऊ ठाकरे जी के नाम पर रखा जाएगा.
मिंटा हॉल पहले थी प्रदेश की विधानसभा
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के बाद से ही मिंटो हॉल का नाम बदलने की मांग जोर पकड़ रही थी. हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन करने के बाद से कई बीजेपी नेताओं ने मिंटो हॉल के नए नाम को लेकर प्रस्ताव दिए थे. इसका नया नाम डॉ.हरीसिंह गौर से लेकर स्वामी विवेकानंद और टंटया भील के नाम पर रखने की कई नेताओं ने मांग की थी. बता दें कि मिंटो हॉल मध्य प्रदेश की पुरानी विधानसभा के नाम से मशहूर है.
वायसराय लॉर्ड मिंटो के नाम पर रखा गया था मिंटो हॉल का नाम
मिंटो हॉल की नींव 12 नवंबर 1909 को रखी गई थी. साल 1909 में भारत के तात्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए. उन्हें उस समय राजभवन में रुकवाया गया था लेकिन वायसराय वहां की व्यवस्था देखकर काफी नाराज हुए. इसे देखते हुए तत्कालीन नवाब सुल्तानजहां बेगम ने आनन फानन में एक हॉल बनवाने का निर्णय लिया और इसकी नींव वायसराय लॉर्ड मिंटो से रखवाई.
कहा जाता है उन्हीं के नाम पर इस हॉल का नाम मिंटो हॉल रखा गया. इस इमारत को बनने में करीब 24 साल लगे और इस इमारत की संरचना शाहजहां बेगम के बेटे नवाब हमीदुल्ला खान ने पूरी की. इतनी भव्य औऱ सुंदर इमारत के निर्माण में उस समय कुल 3 लाख रूपये लगे थे. जिसके मुख्य आर्किटेक्ट एसी रोवन थे, जिन्होंने इस इमारत को आलीशान बनाया.
Author: CG FIRST NEWS
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