मेघों के संवरने का केशकाल:सावन की झड़ी, उत्तरी छत्तीसगढ़ में कुछ जगह भारी वर्षा, बस्तर में रिमझिम

ये तस्वीर बस्तर के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले केशकाल घाट की है। ये तस्वीर भास्कर के पाठक जगदलपुर निवासी अभिषेक ठाकुर ने शुक्रवार सुबह 6 बजे अपने कैमरे से टाटामारी के व्यू पॉइंट से ली है। केशकाल में पिछले 5 दिन से रोज सुबह बारिश हो रही है। आज भी बंद नहीं होगी वर्षा, बलरामपुर के कुसमी और कोरबा के दर्री में 6-6 इंच बारिश।

सावन के दूसरे दिन से रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभागों के मैदानी इलाकों में लगी झड़ी शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। मैदानी इलाकों में दिनभर बिना रुके फुहारें पड़ीं। इस बीच, उत्तरी छत्तीसगड़ में कुसमी और दर्री समेत कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई। यहां छह-छह इंच वर्षा रिकार्ड की गई है। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्से में दिनभर हल्की बारिश होती रही। मौसम वैज्ञानिकों ने शनिवार को भी प्रदेशभर में दिनभर अच्छी बारिश की संभावना जताई है।

राज्य में इस मानसून में अब तक बस्तर संभाग के तीन जिलों (बस्तर, दंतेवाड़ा और कांकेर) में बहुत कम पानी गिरा है। इस वजह से गंगरेल समेत बस्तर के अन्य बांधों में जलस्तर थोड़ा कम है। हालांकि गुरुवार की रात से बस्तर के अधिकांश जिलों में बारिश शुरू हो गई है। इस वजह से वहां जलस्तर बढ़ने लगा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार शुक्रवार को कोरबा में 50 मिमी, सरायपाली और करतला में 40 मिमी, वाड्रफनगर, बलरामपुर, देवभोग और बस्तर में 30 मिमी वर्षा हुई है। इसके अलावा अधिकांश स्थानों पर औसतन 10 मिमी या ज्यादा बारिश हुई, लेकिन दिनभर झड़ी लगी रही।

झड़ी आज छठवें दिन भी
लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार शनिवार को प्रदेश में एक-दो जगह भारी और अतिभारी बारिश होने की संभावना है। शेष अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभागों में झड़ी जारी रहेगी, हालांकि फुहारें रुक-रुककर पड़ने की संभावना है। इसकी वजह प. बंगाल में कम दबाव का क्षेत्र और ऊपरी हवा में चक्रवात है, जो ताकतवर होगा आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा पर एक चक्रवात और सक्रिय है, तथा एक द्रोणिका भी है। इनके असर से प्रदेश में अगले दो दिन तक काफी नमी आएगी और बारिश की स्थिति बनी रहेगी।

गंगरेल में तेजी से पानी
प्रदेश का सबसे बड़ा गंगरेल बांध जो बस्तर में कम बारिश की वजह से अब तक केवल 49 फीसदी ही भरा था, गुरुवार की रात से कैचमेंट एरिया यानी कांकेर, केशकाल व धमतरी में तेज बारिश से तेजी से भरने लगा है। इस साल सीजन में पहली बार गंगरेल में हर सेकंड 1200 क्यूसेक पानी अा रहा है। अगले कुछ की बारिश से ही बांध में 5 से 7 प्रतिशत तक पानी बढ़ने की संभावना है।

CG FIRST NEWS
Author: CG FIRST NEWS

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