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दिल्ली मे भाजपा के आने से पुरे प्रदेश मे भाजपाईयों मे ख़ुशी की लहर हैँ किन्तु दिल्ली की राजनीती और दल्ली की राजनीती मे बहोत फर्क हैँ दिल्ली मे जहाँ भाजपा ने अपने पार्टी के कर्मठ उम्मीदवार उतारे थे वही दल्ली राजहरा मे कम्युनिस्ट पार्टी से उधार लिए हुए प्रत्याशी को मैदान मे उतार कर अलग ही राजनीती की मिशाल क़ायम की हैँ, क्या अब भाजपाई जय श्री राम के नारे की जगह लाल सलाम का नारा लागाएंगे या केसरिया हरे झंडे का रंग बदल जायेगा फिलहाल दल्ली राजहरा की राजनीती को देख कर लगता कुछ अएसा ही हैँ, पर दल्ली राजहरा के चुनाव मे फायदा किस को होगा ये तो दल्ली राजहरा की समझदार जनता ही तय करेंगी उनके वोटो की क़ीमत हैँ या नीबू काटने का बयान देने वालो की, इस चुनावी समर मे अगर बात की जाये प्रत्याशीयों की दल्ली की राजनितिक हवा कांग्रेस और सयुंक्त मोर्चा के प्रत्याशी के बीचो बीच लग रही हैँ, दल्ली की फिजा किस ओर अपना रुख करेंगी ये तो दल्ली की जनता के हाथो मे कैद हैँ जो आने वाली 11तारीख को तय हों जायेगा दल्ली राजहरा के चर्चित प्रत्याशीयों मे कांग्रेस प्रत्याशी रवि जायसवाल और सयुंक्त मोर्चा प्रत्याशी संतोष देवांगन का नाम सबसे ज्यादा चर्चा मे हैँ वही बात करे भाजपा की तो प्रत्याशी चयन और चुनाव प्रबंधन के मुद्दों को लेकर दबी जुबा की नाराजगी अब जनता के सामने दिखने लगी हैँ पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओ को तवज्जो ना मिलना और आपसी गुटबाजी का दंस झेल रही भाजपा पार्टी मे ये चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता मात्र नजर आ रही है जिसका फायदा कही ना कही रवि जायसवाल और संतोष देवांगन के पाले मे जाता नजर आ रहा है दोनों ही प्रत्याशीयों ने वादों का पिटारा दल्ली की जनता के लिए खोल रखा है अब देखना ये है की दल्ली की जनता पालिका अध्यक्ष का ताज किस के सर पर रखती है!
